श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-15 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ पन्द्रहवाँ अध्याय ब्रह्माजी द्वारा भगवान् गणेश की आराधना अथः पञ्चदशोऽध्यायः गजानन पूजा निरूपणं भृगुजी बोले — हे सोमकान्त ! लोकपितामह ब्रह्माजी ने व्यासजी से आगे जो कहा, उसे मैं कहता हूँ; तुम आदरपूर्वक श्रवण करो ॥ १ ॥ ब्रह्माजी बोले — हे मुनिवर ! तत्पश्चात् मैंने एक बड़ा सुन्दर स्वप्न… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-14 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ चौदहवाँ अध्याय सृष्टि करते समय विघ्नों द्वारा बाधित ब्रह्माजी का भगवान् गणेश की प्रार्थना करना अथः चतुर्दशोऽध्यायः ब्रह्मचिन्तावर्णनं राजा [ सोमकान्त ] बोले — [ हे मुनिश्रेष्ठ !] तब सहस्रों ब्रह्माण्डों को देखने के बाद ब्रह्माजी ने क्या किया? उन्होंने गजानन (गणेशजी ) – से आज्ञा प्राप्तकर किस प्रकार सृष्टि… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-13 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ तेरहवाँ अध्याय ब्रह्मा, विष्णु और महेश का भगवान् गणेश की स्तुति करना तथा गणेशजी का अपने उदर में स्थित असंख्य ब्रह्माण्डों का उन्हें दर्शन कराना अथः त्रयोदशोऽध्यायः ब्रह्मस्तुतिवर्णनं व्यासजी ने कहा — [हे ब्रह्मन् !] पाँच मुखों वाले शिव, चार मुखों वाले ब्रह्मा और सहस्र मस्तकों वाले विष्णु 1  ने… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-12 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ बारहवाँ अध्याय ब्रह्मा, विष्णु और शिव को भगवान् गणेश के दर्शन अथः द्वादशोऽध्यायः गजाननदर्शनं सूतजी बोले — [ हे शौनकजी !] ब्रह्माजी के मुख से निकले हुए इन वचनों को सुनकर महान् हर्ष से युक्त मुनि व्यासजी ने उनसे पुनः पूछा ॥ १ ॥ व्यासजी ने कहा — [ हे… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-11 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ग्यारहवाँ अध्याय ब्रह्माजी का व्यासजी को गणेशजी के मन्त्र के अनुष्ठान की विधि बताना अथः एकादशोऽध्यायः मन्त्रकथनं भृगुजी बोले — [हे राजन्!] चतुर्मुख ब्रह्माजी इसके अनन्तर [व्यासजी द्वारा ] किये गये प्रश्न का समाधान करने की इच्छा से बोले — [ हे व्यासजी ! ] मैं गणेशजी के मन्त्रों का… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-10 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ दसवाँ अध्याय गणेश पूजन न करने से व्यासजी का विघ्नों से अभिभूत होना और ब्रह्माजी का उन्हें गणेशाराधन का उपदेश देना अथः दशमोऽध्यायः गणेशमङ्गलाभावे व्यासस्य भ्रान्तिः, ब्रह्मदेवसमीपगमनञ्च भृगुजी बोले — [भगवान् ] नारायण के अंश से उत्पन्न, पराशर के पुत्र महामुनि वेदव्यासजी भूत और भविष्य के ज्ञाता तथा वेद एवं… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-09 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ नौवाँ अध्याय भृगुमुनि का राजा सोमकान्त को गणेशपुराण के श्रवण का उपदेश देना अथः नवमोऽध्यायः राजोपदेशज्ञानोपदेशकथनं सूतजी बोले — तदनन्तर भृगुमुनि ने क्षणभर ध्यान करके उस [राजा सोमकान्त ] -के पूर्वकर्मजनित दुःख को देखकर अत्यन्त विह्वल होकर उस राजा से कहा — ॥ १ ॥ कहाँ तुम्हारे पापों का समूह… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-08 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ आठवाँ अध्याय राजा सोमकान्त द्वारा पूर्वजन्म में किये गये पापों तथा वृद्धावस्था में गणेश मन्दिर के जीर्णोद्धार का वर्णन अथः अष्टमौऽध्यायः भृगोर्हुङ्कारेण नानाशङ्कानां निवारणम् भृगुजी बोले — उस ब्राह्मण (गुणवर्धन) – ने इस प्रकार बार-बार करुणा से युक्त एवं अवसादपूर्ण वचन कहे, परंतु उन्हें सुनकर भी तुम्हारा हृदय नहीं पसीजा… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-07 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ सातवाँ अध्याय भृगुमुनि के द्वारा राजा सोमकान्त के पूर्वजन्म का वर्णन अथः सप्तमोऽध्यायः सोमकान्त पूर्वजन्म कथनं ऋषियों ने कहा — [हे सूतजी !] तब राजा सोमकान्त ने वहाँ जाकर क्या किया और सर्वज्ञ भृगुमुनि ने उन्हें क्या उपाय बताया ? ॥ १ ॥ हे द्विजश्रेष्ठ ! आप हम श्रोताओं के… Read More


श्रीगणेशपुराण-उपासना-खण्ड-अध्याय-06 ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ छठा अध्याय राजा सोमकान्त का भृगुमुनि के आश्रम में जाना अथः षष्टोऽध्यायः भृगो आश्रमे सोमकान्तस्य निवासः सूतजी बोले — सुधर्मा के इस प्रकार के वचन सुनकर भृगुपुत्र च्यवन ने त्वरापूर्वक अपना जल से भरा कलश उठाया और परदुःखकातर होने के कारण चुपचाप अपने घर को चले गये। तब भृगु ने… Read More